खुरासान का इतिहास क्या है। खुरासान कहां है। दोस्तो खुरासान का इतिहास एक लंबा और खुशहाल इतिहास है जो हजारों साल पहले शुरू हुआ था। खुरासान एक ऐतिहासिक शहर है जो इस समय के ईरान, अफगानिस्तान, ताजिकिस्तान और उज़्बेकिस्तान के कुछ हिस्सों को कवर करता है।
ख़ुरासान का इतिहास इस्लाम के उदय के साथ एक बहुत जरूरी मोड़ लेता है। 7वीं शताब्दी में, खुरासान को अरब मुस्लिम सेनाओं द्वारा जीत लिया गया था। इस्लाम के आगमन ने खुरासान के धर्म और समाज को गहराई से मुतासिर किया।
ख़ुरासान ने अपने मध्यकालीन इस्लामी दुनिया में एक एक बहुत खास रोल निभाया । यह शहर कई मुस्लिम उलमा, का जन्मस्थान था। खुरासान ने 11वीं और 12वीं शताब्दी में सेल्जुक सल्तनत की राजधानी भी थी।
ख़ुरासान पुराना मुस्लिम दुनिया में एक अहम कारोबार जगह भी था। यह जगह मासरिक और मगरीब के बीच एक अहमकड़ी थी।
ख़ुरासान का इतिहास काफी पुराना होने के बाद भी जारी रहा। 13वीं शताब्दी में, खुरासान को मंगोलों द्वारा तोड़ कर दिया गया था। हालांकि, इलाका तेजी से बहाल होगया और 15वीं शताब्दी में, खुरासान को सफविद सल्तनत का हिस्सा बन गया।
ख़ुरासान का इतिहास 19वीं और 20वीं शताब्दी में भी जारी रहा। 19वीं शताब्दी में, खुरासान को रूसी सल्तनत द्वारा जीत लिया गया। 20वीं शताब्दी में, खुरासान को सोवियत यूनियन का हिस्सा बन गया।
सोवियत यूनियन के पतन के बाद, खुरासान को आजाद कौम में तकसीम किया गया था। आधुनिक काल में, खुरासान ईरान, अफगानिस्तान, ताजिकिस्तान और उज़्बेकिस्तान के कुछ हिस्सों को कवर करता है।
ख़ुरासान के कुछ महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएं
- कांस्य के दौर में, खुरासान काकेशस से आए लोगों द्वारा बसाया गया था।
- 7वीं शताब्दी में, खुरासान को अरब मुस्लिम सेनाओं द्वारा फतह कर लिया गया था।
- 11वीं और 12वीं शताब्दी में, खुरासान सेल्जुक सल्तनत की राजधानी थी।
- 13वीं शताब्दी में, खुरासान को मंगोलों द्वारा तबाह कर दिया गया था।
- 15वीं शताब्दी में, खुरासान सफविद सल्तनत का हिस्सा बन गया।
- 19वीं शताब्दी में, खुरासान को रूसी सल्तनत द्वारा फतह किया गया था।
- 20वीं शताब्दी में, खुरासान को सोवियत यूनियन का हिस्सा बन गया।
- सोवियत यूनियन के पतन के बाद, खुरासान को आजाद कौम में बात दिया गया
खुरासान का इतिहास क्या है?
खुरासान से एक लश्कर निकलेगा जो की ईमान वालों का होगा। ये बात तो हम सबने सुनी है दोस्तों हुजूर सल्ला वसल्लम के जमाने में खुरासान मशीनरीक के उस जगह को कहा जाता था जहाँ आज तीन मुल्क मौजूद है। ईरान, अफगानिस्तान
और पाकिस्तान। कहते हैं इस लश्कर को कोई दुनिया की ताकत नहीं रोक पाएगी और ये लश्कर जो के इमाम मेहदी के लश्कर के साथ मिलकर बैतूल मुकद्दस यूरो शेलम पहुँचकर इस को फतह कर लेंगे और यरुशलम में अपना झंडा न सब कर देंगे।
खुरासान का क्या अर्थ है?
खुरासान उस जमाने में एक बहुत बड़े मुल्कों कहते थे कुछ हिस्सा पाकिस्तान का भी उसमें शामिल कुछ हिस्सा ईरान का भी है। ईरान के उस हिस्से को अब भी खोरासान कहते हैं।