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फिरौन कौन था फिरौन की पुरी कहनी हिंदी में फिरौन का रियल नाम था मुसाब बिन वालिद मुसाब बिन वालिद मिस्र का राजा कैसे बना मिस्र में जब कोई राजा बनता था तो उसे फिरौन कहा जाता था

इस्लाम में फिरौन कौन था?

नजरेने ग्रामी फिरौन। मिस्र का बादशाह कैसे बना और उसके पहले के हालात क्या थे? फिर उन दरअसल मिस्र के बादशाहों का लुक अप हुआ करता था। यानी पहले मिस्र का जो भी बादशाह बनता, उसको फिरौन कहा जाता था।

हजरत मूसा ले सलाम के दौर में जो बादशाह यानी जो फिरौन था उसका नाम वलीद बिन मुसलमीन रियान था। ये शहरी आसियान का ये गरीब अदार था और इसने लोगों से बहुत सारा कर्जा ले लिया था. और ये कर्जा ना देना पड़े इसलिए वो इस पियान से भागकर शाम चला गया।

लेकिन शाम में उसको करने के लिए कोई रोजगार ना मिला तो वो कुछ पैसे और रोजगार कमाने की तलाश में मिसरा गया, जहाँ उसने एक गांव में देखा के यहाँ तरबूज बहुत सस्ते मिलते हैं और शहर में महंगे तो उसके जेहन में यह ख्याल आया कि अगर मैं इन तरबूजों को शहर में ले जाकर बेच उ तो मुझे इनसे काफी मुनाफा होगा। चुनांचे उसने वहाँ से बहुत सारे तरबूज खरीदे और शहर की जान चल दिया।

मगर उसको रास्ते में कई सारे जगह जगह सिपाही खड़े मिले, जिन्हें उसको टैक्स देना पड़ा। इस तरह ये शहर पहुंचते पहुंचते इसके पास सारे तरबूज खत्म हो गए। अब नाजिर फिरौन के जहन में ये बात आ चुकी थी कि इस शहर में कोई शाही कानून नहीं है।

यानी कोई भी चाहें तो शाही अफसर बनकर लोगों से माल वसूल कर सकता है और कोई उन्हें पकड़ने वाला भी नहीं है। यानी जिसके मन में जो आता है वो करता है अविनाश इन इसने सोचा कि किसी तरह जो पुराना फिरौन यानी जो उस वक्त मिस्र का बादशाह था, उस तक पहुँच सकें।

अब उस वक्त की फिरौन तक पहुंचने के लिए इसे कोई जरिया और रास्ता चाहिए था। उस वक्त नाजरीन मिस्र में एक महामारी यानी बिमारी फैली हुई थी, जिससे लोग क सीट तादात में मर रहे थे। फिर उन्होंने इसका फायदा उठाया और कब्रिस्तान में जाकर बैठ गया और अपने आप को एक शाही अफसर बताकर लोगों से हर मु्द्दे पर पांच धर्म टैक्स वसूल करने लगा।

इस बहाने इसने चंद हीरोज में बहुत सारा माल जमा कर लिया। इत्तेफ़ाक सेना जिन एक रोज़ बादशाह के करीबी रिश्तेदारों में से किसी की मौत हो गई, जब उसे दफनाने के लिए कब्रिस्तान पहुंचे तो इस फिरौन ने उनसे भी पांच जन मांगी लेकिन इसको पैसे तो नहीं मिले बल्कि फिर उनको गिरफ्तार करके बादशाह तक लाया गया और बादशाह को इसका पूरा मामला बताया।

बादशाह ने फिरोज से कहा कि तुम्हें कब्रिस्तान में किसने मुकर्रर किया था? फिरोज ने कहा कि मुझे आप तक पहुंचना था इसलिए मैंने यह बहाना बनाया। मैं आपको ये बताना चाहता हूँ कि आपके मुल्क में बहुत खराब हालात हैं, जिसके मन में जो आता है भू करता है। मैंने तीन महीने के अरसे में जुल्म ज्यादती के साथ इतना सारा माल इकट्ठा किया है। आप ये ख्याल कर सकते हैं कि दूसरे हो काम क्या कुछ करते होंगे।

और ये कहकर नाजरीन फिरोज ने अपना सारा माल बादशाह के आगे डाल दिया। बादशाह को फिरौन की यह बात पसंद आई और उसको एक छोटा सा पौधा दे दिया। हम राजी फिरोज ने बड़ी चालाकी से रफ्ता रफ्ता ऐसे काम किए जो बादशाह और लोगों को पसंद आने लगे। यही सिलसिला धीरे धीरे आगे चला और 1 दिन फिरौन तमाम लश्कर का अवसर बन गया।

फिरौन मिस्र का राजा कैसे बना

जब नजीमुल के मिश्र का बादशाह यानी जो उस वक्त का फिरौन था जब वो मरा तो ने फिरौन को तख्त पर बैठा दिया और इस तरह से फिरौन मिस्र का बादशाह बन गया।

कुछ ही दिनों में ना जिन फिरौन ने लोगों पर सख्त कानून लागू कर दिए और जो उसका हुक्म ना मानता उसको कड़ी सजा देता। धीरे धीरे फिरौन अपनी हुकूमत के नशे में इस कदर मगरूर हो गया कि खुदाई का दावा कर बैठा और लोगों से जबरदस्ती अपनी आगे सज्दा करवाता। फिर ऑन बनी इस पर बहुत मज़ा लिमडा था और उनसे मेहनत और मशक्कत के काम लेता एक रोजगार आदमी फिरौन ने ख्वाब में देखा कि बैतुल मुकद्दस की तरफ से एक आग आई और उसने पूरे मिस्र को घेर लिया और तमाम फिर ओयो को जला डाला और बनी इसराइल को कोई झरना पहुंचाया।

ये अजीबो गरीब ख्वाब देख कर नजरी फिरौन परेशान होने लगा और उसने नजूमियों से इसकी तबियत पूछी। नजूमी ने बताया कि बनीं इसराइल में एक ऐसा लड़का पैदा होगा जो तेरी बादशाहत को खत्म कर देगा। इससे उनका नजरिया फिरौन ने हुक्म दिया कि बनी इसराइल में जो भी लड़का पैदा हो उसको कतल कर दिया जाए।

इस तरह से बनी इसराइल के लाखों बच्चों के कतल किए गए। मगर, नाजरीन जो अल्लाह करना चाहता है उसे कौन रोक सकता है।

आखिरकार हजरत मूसा अली सलाम की इसी साल में पैदाइश हुई जब बच्चों का कत्लेआम हो रहा था। आपकी वालेदा के जेहन में अल्लाह ने ये ख्याल डाला के बसरत मूसा ले सलाम को एक संदूक में रख कर दरिया ए नील में छोड़ दें।

और ये संदूक दरिया नील में बहता हुआ फिरौन की महल की दीवार से जा लगा। फिरौन के घरवालों ने इस संदूक को निकालकर फिरौन के सामने ले गए। जब इस संदूक को खोला गया तो इसके अंदर एक निहायती खूबसूरत बच्चा निकला जिसके चेहरे पर न व्रत की तसल्ली चमक रही थी और जो अपने अंगूठों से दूध पी रहा था। आसिया ने जब इस बच्चे को देखा तो देखकर क्या बोली उसे कुरान बयान करता है।

और फिरौन की बीबी ने कहा ये बच्चा मेरी और तेरी आँखों की ठंडक है। इससे कतल न करो शायद ये हमें नफा दे ये हम इसे अपना बेटा बना लें और वो बेखबर थे।

हजरत आसिया एक नेक खातून थी जो गरीबों और मिस्कीनों पर रहम करती और हजरत आसिया ने फिर उनसे ये भी कहा कि ये बच्चा साल भर का मालूम होता है और ये बच्चा दरिया में किस सर जमीन से यहाँ आया है और तुझे जीस बच्चे से अंदेशा है वो इसी मुल्क के बनी इस्राइल से बताया गया है। लिहाजा तुम इसे कतल न करो। आसिया की ये बात लोगों ने मान ली। हालांकि वो इस अंजाम से बेखबर थे जो उनका होने वाला था। इस तरह से नाजरीन हजरत मूसा अलैहिस्सलाम की परवेश फिरौन की महल में होती रही। जब अल्लाह ने हजरत मूसा ले सलाम को नबूवत से सरफराजा

जब हजरत मूसा ले सलाम बनी इसराइल को गुलामी से निजात दिलाने के लिए मिस्र से निकले तो firon ने इन तिहाई तक काबुल से बनी इसराइल का कत्लेआम करने के लिए अपनी असीम फौज के साथ उनके पीछे रवाना हुआ।

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मगर जब उनके करीब पहुंचा तो अल्लाह के हुक्म से एक आसमानी आग ने उनका रास्ता रोक लिया। उस वक्त हजरत मूसा ले सलाम ने अल्लाह के हुक्म से अपना असा पानी पर मारा तो बहरे कुलजम दो हिस्सों में तकसीम हो गया और लाखों की तादाद में बनी इस्राइल समंदर में बनने वाले इस अज़ीम रास्ते से पार हो गए और जो फिरौन की फौज ने इनका पीछा करते हुए इस रास्ते से गुजरना चाहा तो अल्लाह ने समंदर के पानी को आपस में मिला दिया और फिरौन को इसके लश्कर ओसमी डुबोकर हमला कर दिया।

और हमने जब बन इसराइल को दरिया पार करा दिया तो फिर ऑन उसके लश्कर ने शिरकत की, जुल्म ज्यादती के साथ उनका पीछा किया।

हत्ता के जब फिरौन डूबने लगा तो बोल उठा कि मैं इस बात पर ईमान लाया कि उसके सिवा कोई नहीं। इस पर बनी इस्राइल ईमान लाए हैं और मैं भी सहायता झुका देने वालों में से हूँ। उससे कहा गया अभी मनाता है। हालांकि तू इससे पहले नाफरमान रहा और तू फ़सादी था और आज हम तेरी लाश को बचा लेंगे ताकि वो आने वालों के लिए निशानी बने और बेशक अक्सर लोग हमारी निशानियों को समझने

और आज ना। जिन फिरौन की लाश पूरी दुनिया के लिए इबरत बनी हुई है जो कभी अपने इस जमाने में खुदाई का दावा किया करता था

इस्लाम में फिरौन कौन था?

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