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आरएसएस से कैसे जुड़ें | आरएसएस (RSS) ज्वाइन कैसे करे

आरएसएस (RSS) यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारतीय दरबारी हिन्दू संगठन है, और इसके सदस्य बनने का मतलब एक संगठन के साथ जुड़ना होता है जो राष्ट्रिय स्वयंसेवक संघ के मूल्यों, विचारधारा और कार्यक्रमों का समर्थन करता है। यदि आप RSS से जुड़ना चाहते हैं, तो आप निम्नलिखित चरणों का पालन कर सकते हैं:

  1. सम्पर्क करें: सबसे पहले, आपको अपने स्थानीय आरएसएस कार्यालय से संपर्क करना होगा। आप उनके द्वारा प्रदान किए गए संपर्क विवरणों या वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी का उपयोग कर सकते हैं।
  2. संगठन के बारे में जानें: आपको आरएसएस के विचारधारा, कार्यक्रम और संगठन की विभिन्न पहलुओं के बारे में जानना चाहिए। आपको संगठन के मूल्यों और लक्ष्यों के प्रति सहमत होना चाहिए।
  3. सदस्यता आवेदन प्रक्रिया: आपको आरएसएस के सदस्यता आवेदन प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। यह आपके स्थानीय कार्यालय द्वारा निर्धारित किया जा सकता है और इसमें आवेदन पत्र, आवश्यक दस्तावेज़ और सदस्यता शुल्क शामिल हो सकते हैं।
  1. संगठन के कार्यक्रमों में भाग लें: जब आप आरएसएस के सदस्य बन जाते हैं, तो आपको संगठन के विभिन्न कार्यक्रमों और कार्यों में भाग लेने का मौका मिलता है। आप इन कार्यक्रमों में अपने क्षेत्र के अनुसार या अपनी प्राथमिकताओं के आधार पर सहयोग कर सकते हैं।
  2. संगठन के नियमों का पालन करें: आपको आरएसएस के सदस्यता के दौरान संगठन के नियमों और मानदंडों का पालन करना होगा। यह आपके संगठनिक गतिविधियों, वार्तालापों और अन्य संगठन के सदस्यों के साथ संबंधित हो सकता है।

यह सामान्य तरीका है आरएसएस से जुड़ने का, लेकिन संगठन के नियम, निर्देश और प्रक्रियाओं में थोड़ी भेदभाव हो सकती है। इसलिए, आपको आपके स्थानीय आरएसएस कार्यालय के साथ संपर्क करके और उनके द्वारा प्रदान की गई निर्देशों का पालन करके सदस्यता प्रक्रिया के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।

मैं भारत में आरएसएस से कैसे जुड़ सकता हूं?

आरएसएस (अर्थात् राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) एक हिंदी अभियांत्रिकी, विज्ञान और सामाजिक सेवा संगठन है जो भारत में व्यापक तौर पर उपस्थित है। यदि आप भारत में आरएसएस से जुड़ना चाहते हैं, तो आप निम्नलिखित तरीकों का पालन कर सकते हैं:

  1. स्थानीय शाखा का पता लगाएं: आपके शहर या आस-पास के क्षेत्र में आरएसएस की कोई स्थानीय शाखा हो सकती है। आपको नजदीकी आरएसएस शाखा का पता लगाने के लिए इंटरनेट पर खोज करें या स्थानीय न्यूज़पेपर या विज्ञापनों की जांच करें।
  2. संपर्क करें: स्थानीय शाखा के संपर्क विवरण को प्राप्त करें और उन्हें संपर्क करें। आप इसे फ़ोन, ईमेल या व्यक्तिगत मिलान से कर सकते हैं। आपको बताया जाएगा कि कैसे और कहाँ आरएसएस से जुड़ाव का आयोजन होता है।
  3. स्वयंसेवा कार्यक्रमों में हिस्सा लें: आप आरएसएस के स्वयंसेवा कार्यक्रमों में भाग ले सकते हैं। ये कार्यक्रम शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, पर्यावरण, सामाजिक कार्य आदि के क्षेत्र में काम करते हैं। आप अपनी रुचि के अनुसार किसी विशेष कार्यक्रम का चयन कर सकते हैं और उसमें भाग ले सकते हैं।
  4. सदस्यता लें: आप आरएसएस के सदस्य बन सकते हैं। स्थानीय शाखा के पास जाएं और सदस्यता के लिए आवेदन करें। आपको आवश्यक दस्तावेज़ साझा करने की आवश्यकता होगी और आपको उचित सदस्यता शुल्क देना होगा। सदस्य बनने के बाद, आपको संगठन के कार्यक्रमों में भाग लेने का मौका मिलेगा।

यहां भारत में आरएसएस से जुड़ने के कुछ सामान्य तरीके दिए गए हैं, लेकिन आपकी जगह और स्थिति के अनुसार विवरण भिन्न हो सकते हैं। इसलिए, आपको आरएसएस की आधिकारिक वेबसाइट और स्थानीय शाखा से संपर्क करके अधिक जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।

आर एस एस का काम क्या है?

आरएसएस (RSS) भारतीय दलित और प्रजातंत्र मुक्ति संगठन का संक्षेपिक रूप है और यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) का विचलन संगठन है। आरएसएस का गठन जुलाई 1925 में नागपुर, महाराष्ट्र में हुआ था और केशव बलिराम हेगड़वार ने इसे स्थापित किया था। इसकी स्थापना का मुख्य उद्देश्य भारतीय समाज को समरसता, समरस्ता और समर्पण के माध्यम से एकता और राष्ट्रीय एकता को प्रमोट करना है।

आरएसएस एक स्वयंसेवी संगठन है जो भारतीय संस्कृति, संस्कृति, शिक्षा, स्वास्थ्य और समाज क्षेत्र में कई कार्यक्रम आयोजित करता है। यह स्वयंसेवी कार्यक्रम जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य चिकित्सा, संस्कृतिक कार्यक्रम, ग्रामीण विकास, वन संरक्षण, जल संरक्षण, स्वच्छता अभियान और अन्य गतिविधियों के माध्यम से देश की सेवा करता है।

आरएसएस के सदस्य राष्ट्रीय सेवा को अपना उद्देश्य मानते हैं और समरसता, समरस्ता और समर्पण के माध्यम से राष्ट्रीय एकता को प्रबोधित करने का कार्य करते हैं। आरएसएस के सदस्य आदर्श ग्रहण करते हैं और अपने जीवन को नैतिक मूल्यों, सामाजिक उद्देश्यों और राष्ट्रीय धर्म के साथ समर्पित करते हैं।

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